मैं नहीं हूँ योग्य तुम्हारे,
इसका मेरे लिए कोई अर्थ नहीं,
तुम्हारा सुन्दर होना,
सहज होना,
मेरे लिए पर्याप्त है,
तुमसे प्रेम करने को,
और अधिक की आबश्यकता नहीं,
साथ चलने को,
तुम्हे जरूरत हो सकती है,
“मजबूत-समर्थ” बांहों की,
जरूरत होगी “योग्यताओं” की,
“अपेक्षाओं” को पूरा करने की,
और भी सपने होंगे तुम्हारे,
जरूरत होगी तुम्हे सहारे की,
मुझे तो बस अहसास भर चाहिए,
ईस्वर की आकृती का,
कोई रूप भर चाहिए,
गुनगुनाता, लड़खराता,
मैं चलता चला आया हूँ,
और चलता चला जाऊँगा,
मैं अल्हड़ हूँ काफी है,
1 comment:
Very Nice Poem
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