Pages

Tuesday, May 6, 2014

तुमसे प्रेम है

अच्छा लगता है,
की तुमसे प्रेम है,
ये जानते हुए,
की तुम्हे मुझसे प्रेम नहीं,
बिनिमय-अपेक्षा से रहित,
सहज स्वक्ष प्रेम,
किसी प्रश्न-उत्तर से परे,
बस प्रेम है,
मिलने-बिछड़ने,
पास-दूर,
एक दुसरे में होने,
एक दुसरे में खोने,
परस्पर-तुलनात्मक,
निर्भरता-बिस्वस्नियता,
प्रतिबधता,
प्रपंचो से मुक्त,
बस प्रेम है,
मैं निर्झर झरना,
संगीत से लयबद्ध,
देखता हूँ तुम्हे,
दिन के उजाले में,
रात की चांदनी में,
फूलों की खुसबू में,
आस-पास, बहार-भीतर,
ध्यान में,
बस प्रेम है,
मुस्कुराता हूँ,
जब तुममे उस ईश्वर को देखता हूँ,
जिसे मैं प्रेम करता हूँ,
और जो मुझे प्रेम करता है,
मैं भी मौन हूँ,
और वो भी मौन है,
बस प्रेम है,
जो उसमे है,
जो मुझमे है,
अच्छा लगता है,
की तुमसे प्रेम है,